विजय माल्या: भारत प्रत्यर्पित करने के ख़िलाफ़ दायर अपील को ब्रिटेन हाई कोर्ट ने रद्द किया.

विजय माल्या: भारत प्रत्यर्पित करने के ख़िलाफ़ दायर अपील को ब्रिटेन हाई कोर्ट ने रद्द किया.

भारत प्रत्यर्पण करने के ख़िलाफ़ भगोड़े व्यापारी विजय माल्या की याचिका को ब्रिटेन हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. इसको भारत की एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है.

इस मामले पर फ़ैसला जस्टिस स्टीफ़न इरविन और जस्टिस एलिज़ाबेज लाइंग ने ईमेल द्वारा दिया.

Licquer king के नाम से मशहूर 64 वर्षीय शराब कारोबारी Vijay Mallya ने भारत में प्रत्यर्पित करने के आदेश के ख़िलाफ़ याचिका दायर की थी.

माल्या के पास अब आगे क्या क्या रास्ते है

कुछ खबरों से पता चला है कि high court के फ़ैसले के ख़िलाफ़ विजय माल्या, अब supreme court जा सकता हैं. इसके लिए उसके पास 14 दिनों का समय है.

अगर वो 14 दिनों में supreme court में इसके ख़िलाफ़ अपील दायर नहीं करता हैं तो उसे 28 दिनों के अंदर भारत प्रत्यर्पित करना होगा.


अगर Vijay Mallya suprme court नहीं जाता हैं, तब उन्हें प्रत्यर्पित करने का फ़ैसला गृह मंत्री प्रीति पटेल के हाथों में होगा. वो उनके प्रत्यर्पण के आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगी जैसा कि साल 2019 में गृह मंत्री साजिद जावेद ने किया था.

अगर वो Supreme court में अपने प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ जाता हैं, तो फिर न्यायालय के फ़ैसले का इंतज़ार करना होगा.

Vijay Mallya पर क्या आरोप हैं

विजय माल्या मार्च 2016 को भारत छोड़कर ब्रिटेन चला गया था. उस पर आरोप हैं कि उसने अपनी Kingfisher airline company के लिए बैंकों से क़र्ज़ लिया और उसे बिना चुकाए वो विदेश चला गया.

क़र्ज़ की यह रकम क़रीब 10 हज़ार करोड़ रुपए बताई जाती है. Kingfisher airline ख़स्ताहाल होने के बाद बंद हो चुकी है.

मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने सितंबर 2018 में माल्या के प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी थी जिसके बाद उन्होंने high court का रुख़ किया था.

स्कॉटलैंड यार्ड ने अप्रैल 2017 में उनके ख़िलाफ़ प्रत्यर्पण वॉरंट जारी किया था जिसके बाद वो ज़मानत पर हैं. ज़मानत के लिए उन्होंने साढ़े छह लाख पाउंड का बांड भरा था.